15 Dec 2012

103. 2nd Term Exam 2012-13 IX Hin (B) Answers - A Model


-->2nd Term Exam 2012-13 Hin. IX Qn (Ccode B) 
                     उत्तर एक नमूना
1. तालिका की पूर्ति                                           3
पाठ
प्रोक्ति
रचयिता
ऐसा था मेरा बचपन
आत्मकथा
ओमप्रकाश वाल्मीकि
खेती नहीं करनेवाला किसान
कविता
निलय उपाध्याय
अपील मानवता के नाम पर
पत्र
मोहनदास करमचंद गाँधी


2. घटनाओं को क्रमबद्ध करना                                          2
  • बर्मा में युद्ध छिड़ गया।
  • लोग जंगली रास्ते से बच निकले।
  • बर्मी लड़कियाँ गाँव पहुँचीं।
  • बिशनी से मुलाकात हुई।
3. हेड़मास्टर कालीराम की विशेषताएँ                                  2
  • ऊँच-नीच का भेदभाव रखनेवाला।
  • गरीबों के प्रति सहानुभूति न रखनेवाला।
सही उत्तर चुनकर लिखना (4-6)
4. पाँव सहलाने का अर्थ है- खुशामदी करना                            1
5. विरोधी राक्षस चित्रित करते हैं- हिटलर को                             1
6. कानों में छेद नहीं है क्या? किसान से पूछा।                            1
7. निर्मला पुतुल की 'मेरा सबकुछ अप्रिय हैं उनकी नज़र में' नामक कविता 
    के अनुसार उनकी याने उच्च जाति के लोगों की नज़र में सभ्य होने के लिए 
    उच्च जाति के लोगों की भाषा सीखना और उस भाषा में बात करना चाहिए। 
    उनकी तरह उठना-बैठना और पहनना-ओठना भी ज़रूरी है। क्योंकि उच्च 
    जाति के याने सवर्ण लोग आदिवासी जंगली जाति के लोगों की भाषा,  
    उठना-बैठना, पहनना-ओढ़ना आदि असभ्य मानते हैं।                      2
8. बर्मा में घमासान युद्ध होने के कारण वहाँ के लोग अपना घर-बार छोड़कर 
    बच रहे थे। भारत में युद्ध नहीं होने के कारण बर्मी लड़कियों ने बिशनी से कहा 
    कि 'यहाँ आप लोग स्वर्ग में रहती हैं माँजी'। क्योंकि युद्ध क्षेत्र से बच गई 
    लड़कियों को भारत में बड़ी शांति का अनुभव हो रहा था।                  2
9. कवि ने अणु बम को सूर्य कहा है। लेकिन साधारण सूर्य नहीं कालसूर्य है। 
    उस सूर्य के उदय से ही लोग जलकर भाप हो गए। सिर्फ उनकी छायाएँ 
    झुलसे हुए पत्थरों पर बाकी हैं। याने अणुबम रूपी सूरज के उदय से ही 
    सर्वनाश फैल जाता है।                                                         2
संशोधन करके लिखें। (10)
10. गोपिका हमारे स्कूल की लड़की है। वह दसवीं में पढ़ती हैरोषन उसका 
      भाई है। वह आठवीं का छात्र है।                                             2
11. रेखांकित शब्दों का उपसर्ग अलग करके लिखना-                          1
           असभ्य = + सभ्य अप्रिय = + प्रिय
12. योजक का प्रयोग करके लिखना-                                            1
      मुझे बुखार था इसलिए मैं स्कूल नहीं गया।
     कविता के आधार पर उत्तर- (13-15)
13. कवितांश में पर्यावरण की रक्षा करने का संदेश दिया गया है।            1
14. शीर्षक: 'बचाओ पर्यावरण को'                                           1
15.         यह छोटा-सा कवितांश पर्यावरण प्रदूषण पर पाठकों का ध्यान आकर्षित 
      करनेवाला है।
            कवि कहते हैं कि हमें अपनी धरती माँ को बचाने के लिए कारखानों से 
निकलनेवाले विषैले धुएँ को रोकना चाहिए। आगे जंगलों को हमें काटना नहीं 
चाहिए। कभी भी धूप हवा का रास्ता रोकना नहीं चाहिए। नदियों को विभिन्न 
प्रकार के प्रदूषणों से बचाना चाहिए।
          पर्यावरण हमारा रक्षा कवच है। विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों से हमारा 
पर्यावरण और प्रकृति बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। हमारे भविष्य के लिए
आगामी पीढ़ी के लिए पर्यावरण की रक्षा करना अनिवार्य है। इस संदर्भ में 
यह कवितांश बिलकुल अच्छा और प्रासंगिक है।                                 3
     गद्यांश के आधार पर उत्तर (16-21)
16. मृतसागर इज़राइल और जोरदान के बीच फैला हुआ है।            1
17. दो विशेषण शब्द चुनकर लिखना                                           1
      खारा, साधारण (घनत्व, इसकी, मृत)
18. प्रत्यय अलग करके लिखना-                                               1
      खारापन = खारा + पन घनत्व = घन + त्व
19. मृतसागर सबसे अधिक खारे पानी का भंडार है। इसी खारेपन के कारण 
      मृतसागर के पानी का घनत्व साधारण पानी की तुलना में कई गुना अधिक 
      है। इसी कारण मनुष्य या कोई भी वस्तु मृतसागर में डूबता नहीं, तैरती 
      रहती है।                                                                    2
20. सर्वनाम अलग करके लिखना-                                             1
      इसकी = यह + की (यह सर्वनाम है)
21. हिंसा पर अहिंसा की विजय – संगोष्ठी - पोस्टर               3
          सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल, कडन्नप्पल्लि
                           दसवीं ए
                         हिंदी संगोष्ठी
             विषय: हिंसा पर अहिंसा की विजय
         15-10-2012 सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे
                स्थान: स्कूल सभा-गृह में
      उद्घाटन: श्रीमती सावित्री पी., प्रधानाध्यापिका
                 मॉडरेटर: अर्चना. टी.
                    सबका स्वागत है।
22. ओमप्रकाश वाल्मीकि - पिताजी वार्तालाप                      4
पिताजी:      मुंशी जी, यों क्या कर रहा है?
ओमप्रकाश: पिताजी..... (रोने लगता है)
पिताजी रोते क्यों हो? क्या बात है? पढ़ाई के वक्त मैदान में क्या कर रहे हो?
ओमप्रकाश: झाड़ू लगा रहा हूँ।
पिताजी:     झाड़ू लगा रहे हो! क्यों? स्कूल में झाड़ू लगाने आ रहे हो?
ओमप्रकाश: नहीं, लेकिन पिछले तीन दिनों से मैं स्कूल में झाड़ू लगा रहा हूँ।
पिताजी:     किसने कहा, झाड़ू लगाने के लिए?
ओमप्रकाश: हेडमास्टर ने।
पिताजी:     क्या कहा उन्होंने?
ओमप्रकाश: वे कह रहे थे कि ''तू चूहड़े का है न? यह तुम्हारी खानदानी काम है''
पिताजी:     कौन है वह हेडमास्टर? मैं अभी पूछता हूँ। खानदानी काम करने
              केलिए बच्चे स्कूल में क्यों आएँ?
23. हिटलर के नाम गाँधीजी का पत्र – रपट                        4
स्थान:.............तारीख:.............
        गाँधीजी की लिखावट का एक पत्र कल दैनिक समाचार के लखनऊ 
स्थानीय संवाददाता को मिला। यह पत्र बड़ा अमूल्य माना जाता है। विश्व मैत्री 
को लक्ष्य करके गाँधीजी के द्वारा यह पत्र 1940 दिसंबर महीने में जर्मनी के 
शासक हिटलर के नाम लिखा गया था। पत्र लखनऊ के गाँधी स्मृति भवन के 
अधिकारियों को सौंप दिया गया है।
(लिखावट : കയ്യെഴുത്ത്, കൈപ്പട,
संवाददाता : വാര്‍ത്താലേഖകന്‍, सौंप दिया गया : സമര്‍പ്പിക്കപ്പെട്ടു)
24. संकेतों के आधार पर किसान की जीवनी                       4
        गोपालदास का जन्म रामनगर में 1950 को हुआ था। उनके माता-पिता 
श्रीधर और देवकी थे। अपनी पत्नी इंदिरा और बच्चे राजेश और गीता के साथ 
जिंदगी चला रहा है। आजीविका के लिए खेती ही एकमात्र आश्रय था। खेती से 
मुनुफा नहीं मिलता था। खर्च बढ़ा। अंत में गोपालदास ने अपने बैल बेच दिए और 
खेत पट्टे पर लगाए। साइकिल खरीदा गया। साइकिल पर चढ़कर वह आजकल 
शहर की ओर जाया करता है। सबेरे उठकर साइकिल चलाकर शहर जाते समय 
फसलों पर टंकी ओसकण, हरे-भरे खेत, चिड़ियों की चहचहाहट- कुछ भी उसके 
ध्यान में नहीं आते। क्योंकि मन में समय पर काम के लिए पहुँचने का विचार मात्र 
है। क्योंकि समय पर न पहुँचे तो मालिक की कर्कश डाँट सुननी पड़ती है। 
आजकल वह अनाज खरीदता है। डब्बे में खाना लेकर सुबह शहर की ओर जा 
रहा है। (आजीविका : ജീവിതമാര്‍ഗ്ഗം, एकमात्र आश्रय : ഏകാശ്രയം
मुनाफा : ലാഭം)
तैयारी: Ravi, chiragknr1.blogspot.com

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